छिपाकर रखे हुए कोयला ट्रकों को अंततः पडोली के टालोंपर रात कें अंधेरों में किया गया खाली!!



 7 अप्रैल 2020
सबसिडी के कोयला चोंरी कीं जांच कर वेकोली प्रशासन कोयला तस्करों पर करें कडी कारवाई!

सबूतों के अनुसार चंद्रपुर और वणी वेकोली क्षेत्र से छोटे और बड़े मध्यम उद्योगो के लिए सब्सिडी का कोयला दिया जाता है पर 31 मार्च को चंद्रपुर  भूमिगत खदानों से डी.आर. सी और एम.के.सी. भूमिगत खदान से Kathiwad Coal & Coke Con. & Tr.Ass और The Gujarat Coal Coke Tr.& Con Ass . के डि.ओ. का अंतिम दिन था, यह डीओ का कोयला गुजरात पहुंचना था, पर यह वहां न पहुंचते हुए आखीरकार पड़ोली टाल पहुंचा।
 
मौका देख खाली कराते गये ट्रक

अंतिम तारीख को लोड हुए ट्रक बवाल होता देख उन्हें कुछ दिन छिपा कर रखा गया फिर माहौल ठंडा होता देख उन्हें एक-एक कर खाली कराया गया। कालाबाजारी कर रहे कोयला व्यापारी लाक डाउन की आड़ लेकर कोयले की हेरा-फेरी कर सरकार को करोड़ों का चुना लगा रहे हैं। वेकोली प्रशासन और महाराष्ट्र राज्य खनन निगम अनुबंध रंद्द कर दिया है फिर भी कोयला व्यापारी कोई ना कोई नया रास्ता निकाल ही लेते हैं और प्रशासन की आंखों में धुल झोंक देते है।अब पते की बात यह है की यह डी.ओ. सिर्फ चंद्रपुर में ही बंद है या नागपुर हेड ऑफिस के अंतर्गत आनेवाली सभी खदानों में बंद कर दिया गया है या सिर्फ इसे चंद्रपुर तक बैन किया गया है यह सोचनेवाली बात है. यदि यह डी.ओ. नागपुर-उमरेड की खदानों में चालु है तब यह सब्सिडी का कोयला गुजरात पहुच रहा है या नहीं यह भी संदेह का विषय बनता है.
कोयला तस्करोने कोयला चोरी के लिये चंद्रपूर छोड बाकी कोयला खदानोंको कागजी हेराफेरी कर अपना खाली करतुतो का अड्डा तो नही बनाया है, यह बात आनेवाली कुछ दिनों में सामने आनेवाली है.  कोयला तस्करी से मिलने वाला काला धन कोयला तस्कर कोयले की हेराफेरी में जादातर खर्च करते है. चंद्रपूर मे कोयला तस्करी का मामला उजागर होने के बाद तस्करोने कागदी घोडे दौडाते हुए कागदों की हेराफेरी कर तस्करी करने की सिर्फ जगह बदल आई है और अपने उधेडबून से कोयले का कालाबाजार ज्यो का त्यों रखा है ऐसी विश्वसनीय जानकारी मिली है. चंद्रपूर के पडोली मे फरवरी महीने में कोयले की हुई बडी कारवाई के बाद वेकोलि प्रशासन सकते मे आ गया था. कोयला तस्कर कैलास अग्रवाल अन्य तस्कर इस कारवाई के बाद जिल्हा प्रशासन व पोलिस प्रशासन कोयला तस्करी रोकने के लिए सामने आये थे इसके बचाव के लिये तस्करो ने कागजी हेराफेरी कर चोरी करने की अपनी जगह तो नहीं बदली है. इस बात के तरफ भी वेकोली के इमानदार अधिकारीयो ध्यान देना जरुरी हो गया है. कोयला तस्करी के बडे रॅकेट का पर्दाफाश करणे में यहा की कुछ मीडिया कर्मी अव्वलस्थान पर थी.  मीडिया और पोलीस की आंखो मे धूल झोंकने के लिये वेकोली प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारीयों से हाथ मिलाकर कोयला तस्करों ने "नयी जगह, पुराने पैतरे" का फार्मूला तो इस्तेमाल नही हो रहा है इसकी भी जांच होना जरूरी है. देश पर कोरोना संकट मंडराने के बाद वेकोली प्रशासन केंद्र सरकार को सहयोग देने के लिये बडे जोर से सामने आई है और सरकार की पूरी ताकत के साथ से प्रामाणिकता से सहयोग दे रही है, मगर चंद बेईमान अपनी काली कमाई में और इजाफा करने की उधेडबून में लगे है. वेकोली प्रशासन उन तस्करों का जरूर पर्दाफाश करेंगी, ऐसी मांग चंद्रपुर की जनता कर रही है.

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